मुख्यमंत्री से जनता का सवाल
सिलचर । सिलचर – कलाईन मार्ग पर भंगरपार इलाके में जनसामान्य के हित,जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से से दो वर्ष से अधिक समय से बंद सेतु ( पुल ) आज तक खुल नहीं सका है। वजह सेतु का मरम्मतीकरण ही नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि हारंग नदी पर बने सेतु सिलचर शहर को वाया, मासिमपुर व भंगरपार, कलाईन एनएच 6 से जोड़ता है। गुवाहाटी जाने वाले कम समय में कलाईन तक पहुंच सकते हैं।
फिलहाल इस सेतु का मरम्मतीकरण होगा या नहीं अथवा कोई नया सेतु बनेगा क्या ? इस बारे में स्थानीय लोगों को कोई जानकारी है। स्थानीय निवासियों ने मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार से जवाब मांगा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी अंतर्गत मार्ग पर स्थित सेतु का मरम्मतीकरण हुआ ही नहीं है। सेतु जर्जर अवस्था में है, लोड अधिक पड़ने से कभी भी गिर सकता है।
बसों, ट्रकों और डंपर ( भारी सामान लदे वाहन ), आदि बड़े वाहनों का इस सेतु से गुजरना मना है। इसके बावजूद बेरोकटोक बड़े वाहन गंतव्य स्थानों तक पहुंचने के लिए इस पुल का व्यवहार कर रहे है। जान जोखिम में डालकर लोग इस सेतु से आवाजाही कर रहे है। ऑटोरिक़्शा, बोलेरो, कार सहित आदि गाड़ियों में सवार लोग इस सेतु से आवाजाही कर रहे। संबंधित विभाग ने खानापूर्ति करते हुए ‘ब्रिज क्लोज्ड’ लिख कर छोड़ दिया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि दो वर्ष में एक नया सेतु बन सकता है। उन्हें दुःख है कोई प्रयास नहीं किया गया। संबंधित विभाग जर्जर अवस्था में पड़े सेतु का मरम्मतीकरण पर क्या जोर देगा अथवा कोई नया सेतु बनाने के किसी योजना को मूर्त रूप देगी, इस परिप्रेक्ष्य में स्पष्टीकरण आना चाहिए।
स्थानीय लोगों ने मीडिया के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा से आग्रह किया है कि जल्द उनकी इस समस्या का निदान किया जाए। यह सवाल उठाया क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार किया जा रहा। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से उनकी समस्या का समाधान हेतु अपील की गई। कहा गया कि लोग जान डालकर सेतु का व्यवहार कर रहे। बड़खोला विधानसभा क्षेत्र में स्थित महत्वपूर्ण उक्त सेतु सिलचर और एनएच 6 से जोड़ता है। स्कूल – कॉलेज के छात्र, रोगी, किसान, व्यवसायी आदि लोग इस सेतु से आवागमन करते है।
स्थानीय निवासियों को मुख्यमंत्री पर भरोसा है कि उनकी समस्या का निवारण होगा। उक्त संवाददाता पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक बातचीत नहीं हो पाई है।