- जुलाई में खुल जाएगा गेमन पुल
राज्य के मंत्री कौशिक राय शुक्रवार को बदरपुरघाट में गेमन पुल का निरीक्षण किया। गेमन पुल पर वाहनों का संचालन बंद है। पुल का मरम्मतीकरण चल रहा। लंबे समय से पुल जर्जर अवस्था में था। मई माह की तीसरे सप्ताह में मरम्मतीकरण का काम शुरू हुआ था।
गेमन पुल की मरम्मत कार्य की प्रगति का जायजा लेते मंत्री कौशिक राय
20 जुलाई तक पुल की मरम्मत कार्य संपन्न होने की बात कही जा रही है। हालांकि ख़राब मौसम की वजह से मरम्मत कार्य में थोड़ी बाधा जरूर आ रही है। फिलहाल मंत्री राय आज इस पुल का जायजा लिया। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों, ठेकेदारों व स्थानीय नागरिकों के साथ काटिगोरा के गेमन पुल की मरम्मत कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया और निर्धारित समय में मरम्मत कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मंत्री राय ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा शर्मा काम की प्रगति की रिपोर्ट हर दिन ले रहे हैं।
गेमन पुल
गेमन पुल बराक घाटी, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर की कुछ हिस्सों को मेघालय और गुवाहाटी से जोड़ता है। लोग चाहते हैं कि गेमन पुल का मरम्मत कार्य जल्द पूर्ण हो, चूँकि सिलचर – कलाइन सड़क पर हारंग पुल ढहने से समस्या बढ़ गई है। बराक नदी पर बने गेमन पुल और हारंग नदी पर स्थित हारंग पुल मेघालय और गुवाहाटी से जोड़ने का काम करता है। पिछले महीने यह सोच गेमन पुल का मरम्मत कार्य शुरू हुआ, कि सिलचर – कलाइन वैकल्पिक मार्ग खुला है, लेकिन तीन दिन पहले ओवरलोडिंग दो ट्रक एक साथ आ जाने से हारंग पुल ढह गया।
गेमन पुल
हैवी गुड व्हीकल सिलचर – हॉफलोंग सड़क मार्ग के माध्यम से आवागमन कर रही। जबकि छोटे वाहनों को एक अन्य वैकल्पिक मार्ग सुझाया गया है। इस बीच पीडब्ल्यूडी मंत्री कृष्णेंदु पाल ढहे हारंग पुल का निरीक्षण किया। मंत्री पाल ने कहा कि गुवाहाटी से लौटने के तुरंत बाद, हारंग नदी पर पुल के ढहने के बाद की स्थिति का आकलन करने के लिए सीधे कछार जिले के भांगरपार पहुंचे। उनके साथ कछार भाजपा के अध्यक्ष रूपम साहा, पार्टी के वरिष्ठ नेता अमलेंदु दास, पीडब्ल्यूडी विभाग के एसई मिमो दास, अजीत कुमार दास, कार्यकारी अभियंता कल्लल बरन नाथ और एसडीआरएफ दल और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
हारंग पुल का निरीक्षण करते मंत्री कृष्णेंदु पाल
मंत्री ने नुकसान का जायजा लिया और वैकल्पिक रोंघोर मार्ग के लिए बहाली कार्य की प्रगति की समीक्षा की, जिसके लिए मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा द्वारा हल्के वाहनों की सुचारू आवाजाही और सार्वजनिक जीवन में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए 2 करोड़ की राशि मंजूर की गई है। मंत्री पाल ने कहा कि असम सरकार ऐसी स्थितियों पर तेजी से प्रतिक्रिया देने और हमारे लोगों को आवश्यक बुनियादी ढांचा सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- सिलचर-कलाइन रोड पर हारंग पुल के ढहने के बाद पीडब्ल्यूडी रोड डिवीजन ने जनता से सहयोग की अपील की
एक महत्वपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में, सिलचर-कलाइन रोड (स्टेट हाईवे 38) पर भांगरपार में स्थित पुल संख्या 17/1 ढह गया है, जिससे बराक घाटी के कई क्षेत्रों को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण पुल पर वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है।
भांगरपार पुल की तरफ जाते वाहनों को रोकती पुलिस
इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा और क्षेत्रीय संपर्क को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। पीडब्ल्यूडी (रोड) विभाग, बड़खोला प्रादेशिक सड़क उप-विभाग ने पुल की संरचना को उपयोग के लिए पूरी तरह असुरक्षित घोषित करते हुए एक आधिकारिक नोटिस जारी करके स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दी है। सार्वजनिक सुरक्षा जोखिम को देखते हुए, डिवीजन के सहायक कार्यकारी अभियंता ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे आगे की सूचना जारी होने तक भांगरपार के माध्यम से सिलचर- कलाइन मार्ग का उपयोग करने से बचें।
वर्तमान में सुझाए गए वैकल्पिक भांगरपार-रंघोर मार्ग
पुल ढहने के कारण होने वाली यात्रा चुनौतियों को कम करने के लिए, विभाग ने यात्रियों को भांगरपार-रंघोर वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करने की सलाह दी है, जो चालू है और यात्रा के लिए सुरक्षित है। सभी आवश्यक ट्रैफ़िक डायवर्जन लागू किए गए हैं, और स्थानीय अधिकारी स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग जनता को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं और इस आपातकाल के दौरान सभी हितधारकों से सहयोग और समझ की अपील करते हैं।
बहाली और मरम्मत के काम तत्काल आधार पर किए जा रहे हैं, और जनता के साथ पारदर्शिता और प्रभावी संचार सुनिश्चित करने के लिए नियमित अपडेट प्रदान किए जाएंगे। लोगों की सुरक्षा और भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है, और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। जनता से अनुरोध है कि वे आधिकारिक चैनलों के माध्यम से सूचित रहें और अपनी सुरक्षा के लिए प्रभावित स्थल के पास जाने से बचें।
योगेश दुबे