राजन कुँवर ने असम के हिंदीभाषी एवं चाय बागान क्षेत्रों में निवास करने वाले विद्यार्थियो के लिए बताया एक आदर्श
असम के एक पिछड़े क्षेत्र हैलाकांदी जनपद के कोईया चाय बागान निवासी अंबर पांडेय मिजोरम विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर परीक्षा २०२४ में ७.२० सीजीपीए के संग हिंदी विभाग में सर्वोच्च अंक (७.२० × ९ .५ = ६८.४%) प्राप्त किया हैं। अतः उन्हें हिंदी में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ हैं। मिजोरम विश्वविद्यालय भारत सरकार की शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। अंबर पांडेय लाला ग्रामीण महाविद्यालय से स्नातक तक अध्ययन किया हैं।
अम्बर पाण्डेय २०१९ में उक्त महाविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष थे एवं २०२१ में राष्ट्रीय युवा संसद में असम प्रदेश से प्रतिनिधित्व कर चुके है। अम्बर पाण्डेय को २०२३ में बराक यूथ आइकन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। वह २०१५ ई. से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे है। अंबर पांडेय के पिताजी घनश्याम पाण्डेय संस्कृत में शास्त्री (स्नातकोत्तर) हैं वाराणसी में स्थित उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिष्ठित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से।
वह भारतीय जनसंघ से अभी तक संघ परिवार के दूसरे संगठन से जुड़े हुए हैं। वह एक पुरोहित हैं। उन्होंने २ / ३ पुस्तकों का लेखन भी किया हैं। अंबर पांडेय की इस शैक्षिक सफलता हेतु हिंदीभाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार ने उनको बहुत शुभकामनाएँ दी हैं। इस मंच के कोषाध्यक्ष राजन कुँवर ने कहा कि अंबर असम के हिंदीभाषी एवं चाय बागान क्षेत्रों में निवास करने वाले विद्यार्थियो के लिए एक आदर्श हैं, प्रेरणास्रोत हैं। वह अपने प्रतिकूल परिस्थिति में रहकर यह सफलता प्राप्त किया हैं। अम्बर पाण्डेय एक परिश्रमी एवं राष्ट्रवादी युवा हैं। परमात्मा की कृपा से अम्बर अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते रहें।