असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को ‘मिशन वसुंधरा योजना’ के तीसरे एवं अंतिम चरण की शुरुआत की। यह राज्य के मूल निवासियों को भूमि अधिकार देने का एक प्रमुख कार्यक्रम है। शर्मा ने यहां एक आधिकारिक समारोह में कहा कि मूल निवासियों को भूमि पट्टे प्रदान करके, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ‘जाति-माटी-भेटी’ (समुदाय, भूमि, मातृभूमि) की रक्षा के अपने संकल्प को मजबूत कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता संभालने के तुरंत बाद, हमने असम में मूल निवासियों को भूमि अधिकार प्रदान करने के मिशन पर काम शुरू किया, यह कार्य स्वतंत्रता के 75 साल बाद किया गया है। ‘मिशन बसुंधरा’ की शुरुआत दो अक्टूबर, 2021 को इसी दृष्टिकोण के साथ हुई थी।’’ शर्मा ने कहा कि जब सरकार ने परियोजना को लागू करना शुरू किया, तो वह प्राप्त हुए अभूतपूर्व आवेदनों से चकित थी।
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उन्होंने कहा, ‘‘हमने मिशन वसुंधरा 1.0 के तहत नौ महीनों में आठ लाख आवेदनों का निपटारा किया।’’ उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का दूसरा संस्करण नवंबर 2022 में शुरू किया गया और एक साल के भीतर दो लाख से अधिक मूल निवासियों को भूमि अधिकार दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘योजना के दो संस्करणों से सीखे गए सबक को आगे बढ़ाते हुए, आज हमने आधिकारिक तौर पर ‘मिशन वसुंधरा 3.0’ योजना शुरू की।
यह असम के मूल लोगों की भूमि और पहचान की रक्षा के लिए हमारी सरकार द्वारा उठाया गया एक और दृढ़ कदम होगा।’’ इस नवीनतम संस्करण में विभिन्न भूमि-संबंधी सेवाओं का डिजिटलीकरण, मानचित्रों का प्रकाशन और लोगों को भूमि अधिकार प्रदान करना शामिल होगा। उन्होंने कहा कि इसकी अपार क्षमता को समझते हुए, विशेष रूप से राज्य के मूल निवासियों को भूमि अधिकार प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के वास्ते सरकार ने इस वर्ष कई नये नियम लागू किए हैं। भाषा
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