सिलचर म्युनिसिपल बोर्ड का घेराव कर खड़े कांग्रेसी कार्यकर्ता
कांग्रेस कई सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार को सिलचर नगरपालिका का घेराव किया। दोपहर करीब एक घंटे तक चले घेराव के दौरान पार्टी ने अपनी मांगें रखीं और 7 दिन की समय सीमा तय की। उन्होंने धमकी दी है कि यदि इस समय सीमा के भीतर उचित कदम नहीं उठाए गए तो वे नगरपालिका को बंद कर देंगे। आज दोपहर एक बजे कांग्रेसियों ने पार्क रोड स्थित पार्टी कार्यालय से नगर पालिका तक मार्च निकाला। नगरपालिका गेट को घेर लिया। कांग्रेस के आंदोलन को लेकर पुलिस पहले से ही सतर्क थी।
नगरपालिका के सामने प्रदर्शनकारी आगमन पर गेट बंद था। गेट को घेरकर बैठे प्रदर्शनकारियों ने कार्यकारी अधिकारी से बात कर कुछ जवाब मांगने की मांग की। हालांकि उस समय उपस्थित मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ कुमार ने घेराव कर खड़े कांग्रेस को बताया कि अधिशासी अधिकारी नगर पालिका में नहीं हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि मांगें उनके समक्ष रख सकते हैं। शुरू में घेराव करने वाले लोग इस पर सहमत नहीं हुए और उन्होंने आग्रह किया कि कार्यकारी अधिकारी स्वयं उपस्थित हों। हालांकि कुछ देर तक यह सब चलता रहा, लेकिन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ कुमार के अनुरोध पर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा गया और मांगें उठाई गईं।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष अभिजीत पाल व अन्य ने अपनी मांगें रखते हुए कहा कि अधिशासी अधिकारी नगर पालिका में सिंडिकेट राज चला रहे हैं। उन्होंने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक सिंडिकेट बनाया है। इतना ही नहीं, अगर कोई काम करना चाहे तो वे उनसे मिल भी नहीं सकते। इसलिए उनकी पहली मांग है कि कार्यकारी अधिकारी को हटाकर उसकी जगह पारदर्शी छवि वाले पूर्णकालिक अधिकारी को नियुक्त किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि नगर पालिका में चार साल से अधिक समय से कोई निर्वाचित बोर्ड नहीं है।
इस स्थिति में भी नगर पालिका ने जल कर एवं अन्य करों में भारी वृद्धि कर दी है। निर्वाचित बोर्ड के बिना कार्यकारी अधिकारी को इस तरह से कर बढ़ाने का अधिकार नहीं है। चुनाव होने तक नगरपालिका को पिछले बोर्ड के कार्यकाल के समान ही कर वसूलना होगा। इसके साथ ही चार साल से अधिक समय से नगरपालिका बोर्ड के अभाव में कितना धन प्राप्त हुआ और कितना धन खर्च हुआ, इस पर श्वेत पत्र प्रकाशित करने की मांग की गई। रंगिरखारी में नेताजी की नई प्रतिमा स्थापित करने के लिए धन के बारे में भी सवाल उठाए गए। कहा गया है कि नेताजी की नई प्रतिमा स्थापित करना अच्छी बात है। सुनने में आया है कि नगरपालिका ने इस मामले में पचास हजार रुपया दिया है।
नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि यह धनराशि कैसे और किसके माध्यम से दी गई। यह भी संदेह जताया गया कि नेताजी की प्रतिमा की स्थापना में भ्रष्टाचार हुआ होगा। शिकायतों और मांगों की सूची निश्चित रूप से यहीं समाप्त नहीं होती। अभिजीत पाल ने यह भी आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा नाला निर्माण कार्य नगर पालिका के पैसे से किया जा रहा है तथा उन्होंने इसे रोकने की मांग की। इसी तरह गांधी मेला टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए और आरोप लगाया गया कि इसके पीछे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार छिपा हुआ है।
अभिजीत पाल ने उपरोक्त मांगों और शिकायतों पर प्रकाश डाला और कहा कि वे सभी समस्याओं के समाधान और जवाब के लिए 7 दिनों की समय सीमा तय कर रहे हैं। यदि उन्हें कोई जवाब नहीं मिला तो वे नगर पालिका को बंद करने के लिए बाध्य होंगे। कार्यकारी अधिकारी के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक दीपायन चक्रवर्ती नगरपालिका को अपनी मर्जी से चला रहे हैं और कार्यकारी अधिकारी दीपायन के निजी सहायक के रूप में काम कर रहे। बेलगाम भ्रष्टाचार जारी है। वे जल्द ही इस सबका अंत चाहते हैं। इस दौरान विधायक मिस्बाहुल इस्लाम लश्कर, पूर्व मंत्री अजीत सिंह, सूर्यकांत सरकार, रंजन रॉय, मृदुल साहा, सजल बानिक, अंसार अहमद लस्कर, अनुपम पाल, निशिकांत सरकार और जावेद अख्तर लस्कर सहित अन्य की उपस्थिति रही।
योगेश दुबे