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राज्य सरकार से डीलर्स के 40 महीने का बकाया कमीशन 232 जारी करने की मांग की
कछार डिस्ट्रिक्ट फेयर प्राइस शॉप डीलर्स एसोसिएशन का पुनर्गठन किया गया। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन द्वारा एफिलिएटेड एसोसिएशन की यहां सिलचर शहर में आशीर्वाद भवन में एक बड़ी सभा आयोजित हुई है। मुख्य अतिथि के रूप में ऑल असम फेयर प्राइस शॉप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धरनीधर बोरा की उपस्थित रहे। विविध चर्चा के बाद एसोसिएशन का पुनर्गठन संपन्न हुआ।
मंटू साहा को पुनः अध्यक्ष चुना गया।आलम हुसैन बर्भुइया कार्यकारी अध्यक्ष, अल्ताफ हुसैन बर्भुइया महासचिव, अजय मोदक सचिव, सुरेंद्र प्रसाद व अजित राय को बतौर कोषाध्यक्ष बनाया गया। पांच उपाध्यक्ष चुने गए, जिनमें संजीव प्रजापति, शाहिद हुसैन चौधरी, विश्वजीत चक्रवर्ती, प्रताप ग्वाला, सुविंदा पाल का नाम शामिल है। अब्दुल मलिक, बिप्लब मालाकार, अयाज अली बर्भुइया, संदीप बनर्जी, रिआजुल हुसैन लस्कर, और शांतनु राय को सहायक सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई। जबकि सांगठनिक सचिव पद आठ लोगो को बनाया गया, जिसमें अजित कुर्मी, सुभाष सील, मोहित कुर्मी, एम यू बर्भुइया, सुशांत दास, अमजद हुसैन बर्भुइया, जमाल उद्दीन लस्कर और नीलोत्पल नाथ का नाम शामिल है।
कार्यकारिणी सदस्यों में चंद्र प्रसाद कुमार, अब्दुल लस्कर, सुभाष भूमिज, मंजूर अहमद बर्भुइया सहित अन्य के नाम शामिल है। ऑल असम फेयर प्राइस शॉप डीलर्स एसोसिएशन से उनके बकाए रुपए को जारी करने की मांग की। कहा गया की 40 महीने का, 2015 ( दिसंबर ) से 2019 ( मार्च ) तक डीलर्स के कमीशन 232 करोड़ रोके गए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष धरनीधर बोरा ने कहा कि उन्होंने अदालती रास्ते को अपनाया है।
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मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करने के बाद उनकी बात को अनसुना कर दिया गया है। डीलर्स कई ज्वलंत समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। केंद्र और राज्य सरकार के सभी निर्देशों के अनुपालन किया है। उन्हें बिना किसी पारिश्रमिक के छह महीने तक गरीबी में धकेल दिया गया है। राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा डीलर्स के साथ की जा रही घोर धोखाधड़ी के विरोध में वह राज्य कमेटी के निर्णयानुसार निम्नलिखित 11 सूत्री मांगों के निराकरण को लेकर आंदोलन भी करने पड़े।
दिसंबर 2015 से 2019 के मार्च तक कुल 40 महीने का बकाया कमीशन 42.90 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान नहीं किया गया है। इस वर्ष फरवरी 2024 से जुलाई तक कुल 6 महीनों के लिए देय कमीशन का भुगतान करने, चावल वितरण का कमीशन बढ़ाकर 300 रुपये प्रति क्विंटल करने, हर माह मासिक कमीशन देने की व्यवस्था करने, सस्ती कीमतों पर चीनी की पुनः आपूर्ति की व्यवस्था करने, किफायती कीमतों पर आवश्यक दैनिक आवश्यकताएं प्रदान करने सहित अन्य की मांग की गई है। कछार समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मंटू साहा ने समिति गठन और डीलर्स के ज्वलंत समस्याओं को मीडिया को बताया।