सांकेतिक तस्वीर।
कछार जिले के दो ऐसे स्कूल हैं, जिनके एक भी छात्र इस बार दसवीं की परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुए है। वहीं अनेक स्कूलों के रिजल्ट प्रदर्शन चिंताजनक है। जिले के स्कूल इंस्पेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मालूम हो कि इस बार राज्य के 33 जिलों में से कछार का पड़ोसी जिला श्रीभूमि माध्यमिक परीक्षा दर के मामले में सबसे निचले पायदान पर है। हालांकि, कछार का स्थान भी कुछ खास नहीं है।
कछार 33 जिलों में से 31वें स्थान पर है, जहां उत्तीर्ण प्रतिशत मात्र 51.58 प्रतिशत है। ऐसे निराशाजनक परिणामों के बीच, जिले के दो स्कूलों के कोई भी छात्र पास नहीं हो सके हैं। शून्य सफलता की यह “विशेष उपलब्धि” हासिल करने वाले दो स्कूल जिला मुख्यालय सिलचर में टाउन हाई स्कूल और नरसिंहपुर शिक्षा खंड के बेकिरपार क्षेत्र में नेहरू गर्ल्स हाई स्कूल हैं। इन दो स्कूलों सहित जिले के 34 स्कूलों के प्रधान शिक्षकों को, जो 20 प्रतिशत से कम अंक लेकर पास हुए थे, “कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
जिन दो स्कूलों को “शून्य सफलता” प्राप्त हुई, उनमें से सिलचर के टाउन हाई स्कूल से 19 और नेहरू गर्ल्स हाई स्कूल से 13 विद्यार्थी इस बार माध्यमिक परीक्षा में बैठे थे। ऐसे विशेष परिणामों के बारे में पूछे जाने पर टाउन हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक जाहेद मजूमदार ने कहा कि स्कूल भवन के निर्माण के कारण पिछले साल कक्षाओं का संचालन ठीक से नहीं हो पाया था। इसके अलावा स्कूल में शिक्षकों की संख्या भी आवश्यकता से कम है। उनके बयान के अनुसार स्कूल में छात्रों की कुल संख्या तीन सौ से अधिक है।
जबकि शिक्षकों की संख्या नौ है। विज्ञान और गणित वह स्वयं पढ़ाते हैं। प्रधान शिक्षक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए, उनके लिए नियमित कक्षाएं लेना हमेशा संभव नहीं होता है। कुल मिलाकर इस बार इसका असर माध्यमिक स्कूल के नतीजों पर पड़ा है। नेहरू गर्ल्स हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक प्रदीप कुमार सिन्हा ने भी कहा कि उनके स्कूल में शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से कम है।
प्रदीप द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, स्कूल में कुल 53 छात्र और 5 शिक्षक हैं। निराशाजनक परिणामों का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके स्कूल में पढ़ने वाले छात्र सबसे गरीब तबके से हैं। अधिकांश परिवारों में शैक्षिक माहौल नहीं है। अभिभावक पढ़े लिखे कम है। विद्यार्थियों के प्रति अभिभावकों में कोई जागरूकता नहीं है। ये छात्र प्रायः स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं। भले ही विद्यार्थी एक ही स्तर के हों, स्कूल में कितनी ही समस्याएं क्यों न हों, जब कुछ शिक्षक हैं तो एक भी पास क्यों नहीं होगा? इस बारे में पूछे जाने पर न तो जाहेद मजूमदार और न ही प्रदीप कुमार सिन्हा उचित जवाब दे सके। जिले में 17 में पांच ऐसे भी स्कूल है, जिनके उत्तीर्ण 10 प्रतिशत से कम है।
ये पांच स्कूल हैं सिलचर में श्री राधारमण गोस्वामी हाई स्कूल, राजाबाजार शिक्षा खंड में उजान तारापुर हाई स्कूल, नरसिंहपुर शिक्षा खंड में काली प्रसाद बिंदुबासिनी गर्ल्स हाई स्कूल, शालचापरा शिक्षा खंड में अरुणाचल गर्ल्स हाई स्कूल और काटीगोरा शिक्षा खंड में फूलबाड़ी हाई स्कूल। जिले के स्कूलों के नतीजे इस बार निराशाजनक समय स्कूल इंस्पेक्टर गणेश हरिजन ने बताया कि जिले में 30 ऐसे विद्यालयों की पहचान की गई है, जिनकी उत्तीर्णता दर शून्य से शुरू होकर 20 प्रतिशत से कम है और उनके प्रधान शिक्षकोंको “कारण बताओ नोटिस” दिया गया है। इसके अलावा पंचायत चुनाव के बाद उन्हें बुलाकर सीधे बात की जाएगी। यह संकेत दिया कि इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।