सांकेतिक तस्वीर
असम की दिमा हसाओ जिले में पुलिस और असम राइफल्स ने शनिवार शाम से चलाए जा रहे एक बड़े सर्च ऑपरेशन में तीन उग्रवादियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ रविवार सुबह हुई जब सुरक्षा बलों की टीम को लगभग 60 घंटे की तलाशी के बाद हथियारबंद उग्रवादियों का एक समूह दिखाई दिया।
यह मुठभेड़ एन. कुबिन और हेरा किलो इलाके के बीच हुई। असम पुलिस के सीपीआरओ राजीब सैकिया ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई उस सूचना के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें बताया गया था कि कुछ सशस्त्र उग्रवादी, जिन्होंने एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को रंगदारी की चिट्ठी दी थी, दिमा हसाओ जिले के कुछ इलाकों में छिपे हुए हैं।
इन उग्रवादियों के छिपने की जानकारी हेरा किलो, एन. कुबिन, प. कुबिन, बरोचानाम, मिचिदुई, डोएरिंग और चाइकाम जैसे इलाकों से मिली थी, जो हाफलोंग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आते हैं। इसी सूचना के आधार पर असम पुलिस की विशेष इकाइयों और असम राइफल्स की संयुक्त टीमों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। रविवार सुबह उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। मुठभेड़ खत्म होने के बाद इलाके की तलाशी ली गई, जिसमें तीन उग्रवादियों के शव बरामद हुए।
उनके पास से दो एके-सीरीज की राइफलें और एक पिस्टल भी मिली है। वहीं इस मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादियों के बारे में संदेह है कि वे एनएससीएन (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड) के किसी गुट से जुड़े हो सकते हैं। सुरक्षा बलों की तरफ से इलाके में तलाशी अभियान अब भी जारी है। अधिकारियों ने कहा है कि यह ऑपरेशन आगे भी तब तक जारी रहेगा जब तक पूरे इलाके में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती।
मुठभेड़ में मारे गए 3 एनएससीएन कैडरों के शव हाफलोंग सिविल अस्पताल लाए गए। लंबे अरसे बाद उग्रवाद की उपस्थिति चिंता का कारण बन सकता है। दिमा हसाओं राज्य का एक ऐसा जिला रहा है, लंबे वक्त तक उग्रवाद से प्रभावित रहा है। एजेंसी