शारदीय नवरात्र की धूम के बाद विजयादशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन हो रहा है। दुर्गा पूजा पंडालों में सप्तमी तिथि से चल रही पूजा समाप्त होने के बाद भक्त नम आंखों से मइया की मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। सिलचर में पूजा कमेटियों के लोगों द्वारा दुर्गा पंडालों से मूर्तियों को विसर्जन के लिए नाचते गाते जयकारे लगाते धूमधाम से ले जाया जा रहा है।
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लोग माता रानी की विसर्जन शोभायात्रा में अबीर गुलाल उड़ा रहे हैं। उनके भजन पर थिरकते श्रद्धालु काफी दूर तक पैदल ही जाते नजर आ रहे हैं। डीजे, ढोल नगाड़े, और ढाक की धुन पर थिरकते हुए विजर्जन घाट की ओर बढ़ रहे हैं। इस दौरान विसर्जन स्थानों पर पुलिस की कड़ी व्यवस्था है।
रंगीरखाड़ी मोढ़ से लेकर सदर घाट तक मेले जैसा शक्ल ले लिया है। अस्पताल रोड, अम्बिकापट्टी, प्रेमतला, सेन्ट्रल रोड और क्लब रोड में बहुत अधिक भीड़ है। मां की अंतिम दर्शन के लिए लोग पहुंचे हुए है।
नदियों की ओर जाने से भीड़ को रोका जा रहा है ताकि कोई हादसा ना होने पाए। विसर्जन शोभायात्रा ओं के साथ ही पुलिस चल रही है। उल्लेखनीय है कि सुबह महिलाओं ने मां को सिंदूर लगाकर सुहाग की रक्षा की कामना की। इसके बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर ढाकी वादन में नृत्य करके मइया को रिझाया।
इसके बाद विसर्जन यात्रा निकाली गई। ढोल-ताशा की थाप पर मां का जयकारा लगाते हुए मूर्तियों को विसर्जन हेतु निकल पड़े। इसके साथ मां पुन: ससुराल चली गईं। ज्ञातव्य हो कि गत कल भी मां की प्रतिमा का विसर्जन चला।