Monday, May 19, 2025

बराक घाटी में मनाया गया भाषा शहीद दिवस, दी गई श्रद्धांजलि

  • मंत्री कौशिक राय, कृष्णेंदु पाल भाषा शहीदों को पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित की

बराक घाटी में भाषा शहीद दिवस मनाया गया। सिलचर में राज्य के मंत्री कौशिक राय, कृष्णेंदु पाल, विधायक दीपायन चक्रवर्ती ने भाषा शहीदों को पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित की। शहर की विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों ने दिवस का पालन किया।

सिलचर रेलवे स्टेशन, श्मशान और गांधी पार्क में शहीद बेदी पर पहुंचकर लोगों ने भाषा शहीदों को नमन किया। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम किए गए। शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को भागीदारी दिखाई दी। सरकारी और गैर – सरकारी प्रतिष्ठानों में प्रतिमा पर फूल माला अर्पण कर नमन किया गया। बराक घाटी में, हर साल 19 मई को भाषा शहीद दिवस मनाया जाता है।

यह दिन 19 मई 1961 को सिलचर रेलवे स्टेशन पर पुलिस की गोलीबारी में 11 लोगों के शहीद होने की याद में मनाया जाता है। ये लोग बांग्ला भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने की मांग कर रहे थे।  बराक घाटी में, बांग्ला भाषा की मान्यता के लिए 1961 में भाषा आंदोलन हुआ था।  उस समय, असम सरकार ने असमिया भाषा को राज्य की एकमात्र आधिकारिक भाषा घोषित कर दी थी, जबकि बराक घाटी में अधिकांश आबादी बांग्ला भाषी थी।

19 मई को, सिलचर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। इन 11 लोगों को भाषा शहीद के रूप में जाना जाता है।  19 मई को भाषा शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि इन शहीदों को याद किया जा सके और बांग्ला भाषा के लिए उनके बलिदान को सम्मान दिया जा सके।

यह दिन बराक घाटी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, और यह दिन हर साल कई कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है, जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।  19 मई 1961 को शहीद होने वाले 11 लोगों के नाम कनाईलाल नियोगी, चंडीचरण सूत्रधर, हितेश विश्वास, सत्येन्द्र देब, कुमुद रंजन दास, सुनील सरकार, तरणी देवनाथ, सचिन्द्र चन्द्र पाल, वीरेन्द्र सूत्रधर, सुकमल पुरकायस्थ, कमला भट्टाचार्य है।

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