Friday, January 10, 2025

बराक नदी में बरामद हुई जिरीबाम के राहत शिविर से अगवा किए गए अढ़ाई साल के बच्चे और उसकी नानी की सिर कटी लाश, शुक्रवार को मिले थे तीन शव, एक महिला अब भी लापता 

  • मैतेई समुदाय से दो साल के बच्चे और उसकी 60 साल की नानी उन छह बंधकों में शामिल थे, जिन्हें सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम से संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने बंधक बना लिया था.
  • परिजनों ने शवों की पहचान कर ली है

मणिपुर के जिरीबाम में राहत शिविर में रह रहे टी उत्तम सिंह के परिवार को मार दिया गया है। उनकी सास यूरेम्बोम रानी देवी ( 60 ), पत्नी टी थोईबी देवी ( 31 ), बेटी टी थाजमानबी ( 8 ), साली लैशाराम हैंतोम्बी देवी ( 25 ) साली के दो पुत्र लैशाराम चिंगखेइगंगबा सिंह (2.5 ) और लैशाराम लंगाम्बा सिंह ( 8 माह ) मर चुके है। रविवार को उसकी सास और साली के अढ़ाई साल के बेटे का शव बरामद हुआ। रविवार की सुबह बांसकांदी पुलिस चौकी क्षेत्र के चंद्रपुर चिरी फेरीघाट स्थित बराक नदी से बरामद हुआ।

शव जिस अवस्था में बरामद हुआ है मेतेई समुदाय के लोग बेहद गुस्से में है। शुक्रवार को जिरीघाट के जिरिमुख में बराक नदी से ही टी उत्तम सिंह की पत्नी, बेटी और साली के बड़े बेटे का शव बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम के लिए शवों सिलचर मेडिकल में रखा गया है। परिजनों ने शवों की पहचान कर ली है। टी उत्तम सिंह की साली, जो अपने पति लैशाराम हीरोजीत को छोड़ककर अपनी मां  रहती थी, वह अब भी लापता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक संदिग्ध उग्रवादियों ने उसे मार दिया होगा।

उल्लेखनीय है कि संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सोमवार को असम सीमा से सटे एक छोटे शहर से बंधक बना लिया था। मणिपुर पुलिस ने आज रविवार (17 नवंबर) को बताया कि टी उत्तम सिंह की 60 साल की सास और उनके साली के ढाई साल बेटे के आंशिक रूप से सड़े हुए शव जिरीबाम से सटा असम, कछार जिले के लखीपुर विधानसभा क्षेत्र में बांसकांदी पुलिस चौकी क्षेत्र के चंद्रपुर चिरी फेरीघाट स्थित बराक नदी में तैरते हुए पाए गए। बच्चे सिर कटा शव नदी में तैरती हुई कुछ टूटी हुई पेड़ की शाखाओं के बीच फंसा हुआ मिला। चश्मदीदों ने बताया कि लड़के के शरीर से हाथ गायब थे। लड़के की दादी का अर्धनग्न शव नदी में मुंह के बल तैरता हुआ पाया गया।

इंफाल से लगभग 220 किलोमीटर दूर जिरीबाम के बोरोबेक्रा में उग्रवादियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बीच मुठभेड़ के दौरान सोमवार को बच्चे एल चिंगहेइंगंबा और उसकी दादी वाई रानी देवी को परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया गया था। फिलहाल सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि सभी छह की मौत हो चुकी है। परिजनों ने शव की पहचान कर ली है। शव की पहचान करने सिलचर मेडिकल कॉलेज पहुंचे टी उत्तम सिंह और उनके साले इबोंगटोन सिंह ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें संदेह है कि महिलाओं और लड़की साथ अमानवीय अत्याचार के साथ दुष्कर्म हुआ है। हालांकि सही जानकारी पोस्टमार्टम में सामने आ पाएगा।

वहीं रविवार को सिलचर में कोआर्डिनेशन कमेटी ऑन क्राइसिस ऑफ़  मेतेई मणिपुरी ने मृतकों को श्रद्धांजलि देने हेतु प्रार्थना के लिए एकत्रित हुए। शाम को सिलचर के खुदीराम मूर्ति के सामने मोमबत्ती जलाकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मेतेई समुदाय के बड़ी सख्या में लोग जुटे हुए थे। उनका कहना था कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा वे अपने लोगों के शवों को नहीं लेंगे। न्याय की मांग। कहा गया पहले राहत शिविर से अपहरण कर लिया गया, उनके साथ कुकी-उग्रवादियों ने क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया, उनकी हत्या कर दी और उन्हें नदी में फेंक दिया।

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