- बांग्ला भाषा की मान्यता के लिए 11 लोगों के शहीद होने की याद में मनाया जाता है भाषा शहीद दिवस
बराक घाटी में भाषा शहीद दिवस मनाया गया। भाषा शहीद दिवस के अवसर पर मारवाड़ी युवा मंच, सिलचर शाखा द्वारा सिलचर रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंच के सदस्यों ने शहीदों की याद में श्रद्धा सुमन पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बलिदान को नमन किया।
इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष विवेक जैन, उपाध्यक्ष जितेंद्र राठी, सचिव विशाल सांड, तथा सदस्य महावीर वेद एवं दिनेश सैन की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी ने मिलकर भाषा आंदोलन में शहीद हुए महान आत्माओं की स्मृति में मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
ज्ञातव्य हो कि बराक घाटी में, हर साल 19 मई को भाषा शहीद दिवस मनाया जाता है। यह दिन 19 मई 1961 को सिलचर रेलवे स्टेशन पर पुलिस की गोलीबारी में 11 लोगों के शहीद होने की याद में मनाया जाता है। ये लोग बांग्ला भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने की मांग कर रहे थे। बराक घाटी में, बांग्ला भाषा की मान्यता के लिए 1961 में भाषा आंदोलन हुआ था।
उस समय, असम सरकार ने असमिया भाषा को राज्य की एकमात्र आधिकारिक भाषा घोषित कर दी थी, जबकि बराक घाटी में अधिकांश आबादी बांग्ला भाषी थी। 19 मई को, सिलचर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। इन 11 लोगों को भाषा शहीद के रूप में जाना जाता है।
19 मई को भाषा शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि इन शहीदों को याद किया जा सके और बांग्ला भाषा के लिए उनके बलिदान को सम्मान दिया जा सके। यह दिन बराक घाटी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, और यह दिन हर साल कई कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है, जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
19 मई 1961 को शहीद होने वाले 11 लोगों के नाम कनाईलाल नियोगी, चंडीचरण सूत्रधर, हितेश विश्वास, सत्येन्द्र देब, कुमुद रंजन दास, सुनील सरकार, तरणी देवनाथ, सचिन्द्र चन्द्र पाल, वीरेन्द्र सूत्रधर, सुकमल पुरकायस्थ, कमला भट्टाचार्य है।