Wednesday, May 7, 2025

सिलचर : असम विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर पर उत्पीड़न का आरोप, छात्रों ने दर्ज कराई शिकायत

File Photo

असम विश्वविद्यालय एक नए विवाद के केंद्र में आ गया है। सोशल वर्क विभाग के छात्रों ने एक सहायक प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अधिकारों के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाते हुए औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत असम विश्वविद्यालय पुलिस चौकी में दर्ज की गई है, जिसमें अजीत कुमार जेना का नाम लेते हुए उनके खिलाफ आपराधिक धमकी, मानहानि और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं।

सिलचर स्थित असम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के उपाध्यक्ष उत्सव सिंह ने मीडिया को बताया कि छात्रों द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, प्रोफेसर जेना ने शैक्षणिक बैठकों के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करते हुए छात्रों और संकाय सदस्यों के खिलाफ धमकियां दीं, परिणामों को प्रभावित किया और यौन रूप से आपत्तिजनक तथा मानहानिपूर्ण टिप्पणियां कीं।

आरोप यह भी है कि उन्होंने छात्रों को अजीब समय पर रेस्तरां और निजी केबिन जैसे एकांत स्थानों पर मिलने के लिए मजबूर किया, जहां उन्होंने कथित तौर पर अश्लील भाषा का प्रयोग किया। सिंह ने कहा कि हम यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और उच्चाधिकारियों को भी ज्ञापन देने जा रहे हैं। ताकि उक्त प्रोफेसर की तुरंत गिरफ्तारी हो। शिकायत में यह भी कहा गया है कि प्रोफेसर ने छात्रों और सहकर्मियों के निजी जीवन पर अशोभनीय टिप्पणियां कीं, अकादमिक प्रतिशोध की धमकी दी और छात्रों पर दबाव डाला कि वे उनके पक्ष में झूठे बयान दें। इन घटनाओं ने छात्रों को गंभीर मानसिक और भावनात्मक आघात पहुंचाया है।

कौन-कौन से आरोप लगाए

  • महिला छात्रों के प्रति यौन उत्पीड़न और आपत्तिजनक टिप्पणियां
  • डिटेंशन और अकादमिक सजा की धमकी के माध्यम से आपराधिक डराना
  • छात्रों और शिक्षकों के चरित्र हनन का प्रयास
  • व्यक्तिगत लाभ के लिए दबाव और चालाकी
  • अधिकारों का दुरुपयोग, जिसके चलते मानसिक आघात

छात्रों ने यह भी बताया है कि उनके पास मोबाइल रिकॉर्डिंग्स, कॉल लॉग्स, स्क्रीनशॉट्स और गवाहों के बयान जैसे सबूत उपलब्ध हैं, जिन्हें वे जांच के दौरान प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं। असम विश्वविद्यालय पुलिस चौकी के प्रभारी अधिकारी ने शिकायत को आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया है। छात्रों ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस रिपोर्ट के समय तक न तो प्रोफेसर जेना और न ही असम विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन प्रारंभिक जांच शुरू कर रहा है और मामला कड़ी निगरानी में है। अउ 

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