Wednesday, December 25, 2024

सिलचर म्युनिसिपल बोर्ड में हुई बैठक में पर्यावरण अनुकूल और सुरक्षित दुर्गा पूजा पर जोर, महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी 

 

सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फ़ैलाने पर बल

सिलचर म्युनिसिपल बोर्ड में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में यह जोर दिया गया इस बार दुर्गा पूजा पर्यावरण अनुकूल मने तथा शांतिपूर्ण तरीके से पर्व संपन्न हो सके। दुर्गा पूजा के लिए अनेक दिशा – निर्देश जारी किए गए हैं। सुचारु, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल दुर्गोत्सव पर्व सुनिश्चित करने के क्रम में अनेक पहल की गई है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे सिलचर के सांसद परिमल शुक्लवैद ने शांति बनाए रखने और नियमों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा एक प्रमुख उत्सव है। हम सभी की तरफ से यह कोशिश होनी चाहिए शांति, सुरक्षा और सद्भाव बनाए रखने की जिम्मेदारी पूजा समितियों के साथ – साथ सभी को सामूहिक कोशिश करना होगा। सभी दुर्गा पूजा समितियों के लिए मुख्य निर्देश निर्धारित किए गए, जिससे उन्हें नियमों के किसी भी उल्लंघन के लिए पूरी तरह उत्तरदायी बनाया गया।

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समितियों को पब्लिक लैंड पर पंडाल और द्वार बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी रोड, पीडब्ल्यूडी एनएच, एसएमबी, यातायात पुलिस और स्थानीय स्कूलों जैसे अधिकारियों से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने का निर्देश दिया गया। बैठक में कार्यकारी अधिकारी तथा अतिरिक्त जिला आयुक्त वन लाल लिम्पुइया नामपुई व सहायक अधिकारी और कार्यकारी मजिस्ट्रेट, एसएमबी, नवत्तम शर्मा, प्रमुख नागरिक वृंद और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (APDCL) सुरक्षा मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शनों को प्रमाणित करेगी और बिजली प्रदाता से त्योहार के दौरान निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया। एडीसी और कार्यकारी अधिकारी, एसएमबी, वन लाल लिम्पुइया नामपुई ने इस वर्ष सार्वजनिक सुरक्षा की प्राथमिकता पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के संबंध में। उन्होंने पूजा समितियों को स्वयंसेवकों को तैनात करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें अतिरिक्त सुरक्षा के लिए महिला स्वयंसेवकों पर विशेष ध्यान दिया गया।

इन स्वयंसेवकों को पूजा समिति द्वारा जारी किए गए आईडी कार्ड पुलिस द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित होना होगा। प्रत्येक पंडाल में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और जीवन रक्षक उपकरण होने चाहिए।पूजा समितियों को यह ध्यान देना होगा कि प्लास्टिक का उपयोग न हो। दैनिक जीवन में प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए बैनर प्रदर्शित करने होंगे।  स्वच्छ, हरित उत्सव को बढ़ावा देने के लिए एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध है।

इसके अतिरिक्त, प्रत्येक पूजा समिति को पंडालों के पास कूड़ेदान लगाने और सदर घाट पर विसर्जन समारोह के दौरान सहायता के लिए कम से कम 10 मजदूरों को नियुक्त करने का निर्देश दिया गया। संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए सभी पंडालों में बैकअप जनरेटर, रेत से भरी बाल्टियाँ और अग्निशामक यंत्र लगाना शामिल है। विसर्जन समारोह 13 और 14 अक्टूबर को होंगे, जिसमें लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग पूरे समारोह के दौरान प्रतिदिन दो बार पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।

पीडब्ल्यूडी सड़क विभाग को दुर्गा पूजा से पहले गड्ढों की मरम्मत करने का निर्देश दिया गया और बेहतर रोशनी के लिए सभी सरकारी भवनों के सामने हैलोजन लाइटें लगाई जाएंगी। दुर्गोत्सव के दौरान नशे पर अंकुश लगाने के लिए एक अभिनव कदम के तहत, पुलिस युवाओं में शराब के सेवन को रोकने के लिए श्वास विश्लेषक का उपयोग करेगी। दुर्गा पूजा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए अनेक लोगों ने सुझाव दिए।

योगेश दुबे

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