पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा – कांग्रेस में जुबानी जंग
लखीपुर विधानसभा क्षेत्र में लखीनगर – दिलकुश जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र के लिए कांग्रेस उम्मीदवार रोजलिन रसंगपुई ह्मार ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। उनके नामांकन पत्र वापस लेने को लेकर जिला कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है। 17 अप्रैल को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है। रोजलिन रसंगपुई ह्मार की तरह कांग्रेस के कई अन्य भी उम्मीदवार भी न कदम उठा ले, इसके लिए पार्टी अपने प्रत्याशियों को गोपनीय जगहों पर रख दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा लगातार उनके उम्मीदवारों पर नामांकन उठा लेने के दबाव बना रही है।
हालांकि भाजपा ने ऐसे आरोपों को एक सिरे से नकार दिया है। भाजपा का मानना है कि कांग्रेस मुकाबले में भी नहीं है। फिलहाल सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के जिला परिषद के उम्मीदवारों, विशेषकर लखीपुर और धोलाई विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों को स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें गुप्त शिविरों में रखा गया है। सूत्र ने बताया कि सोमवार को रोजलिन द्वारा अपना नामांकन पत्र वापस लेने के बाद, पार्टी कार्यकर्ता उसी रात सड़कों पर उतर आए। उम्मीदवारों को उनके घरों से निकालकर सिलचर लाया गया।
खबरों के अनुसार, कुछ उम्मीदवारों को जिला कांग्रेस कार्यालय में ठहराया गया है, जबकि अन्य को होटलों में ठहराया गया है। सिलचर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अभिजीत पाल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक सिरे से ताल दिया। उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों को हटाने और उन्हें गुप्त शिविरों में छिपाने के मुद्दे को टाल दिया। कांग्रेस के अंदर खाने से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक पार्टी ने अपने उम्मीदवारों को छिपा दिया है। ये उम्मीदवार 17 अप्रैल को नामांकन वापसी की अवधि समाप्त होने के बाद अपने घर लौट जाएंगे।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष अभिजीत ने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा कांग्रेस उम्मीदवारों को धमकाया जा रहा है। जिसके कारण कई लोग छिपने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि नामांकन पत्र वापस लेने के लिए छह दिन की समय सीमा तय की गई है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल से लेकर कल 17 अप्रैल तक नाम वापसी के लिए छह दिन निर्धारित किए गए हैं।
पूर्व में नाम वापसी के लिए एक दिन निर्धारित किया जाता था। इस बार 6 दिन का समय इसलिए निर्धारित किया गया है ताकि सत्तारूढ़ पार्टी को कांग्रेस उम्मीदवारों को विभिन्न तरीकों से डराने-धमकाने या नामांकन पत्र वापस लेने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। अभिजीत ने आज जिला आयुक्त को एक पत्र लिखकर जिला परिषद और आंचलिक पंचायत सदस्य पार्टी के उम्मीदवारों की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी भी दी।
इस बीच लखीपुर से भाजपा विधायक तथा राज्य के मंत्री कौशिक रॉय ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है कि कांग्रेस उम्मीदवारों को डरा-धमका कर नामांकन पत्र वापस लेने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लखीपुर में कई आंचलिक पंचायत सदस्य पदों पर उम्मीदवार नहीं उतार सकी। कांग्रेस को जनता का कोई समर्थन नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने वालों को जनता का समर्थन नहीं मिलता देख निराशा होने लगी है।
लखीपुर में न केवल जिला परिषद के एक उम्मीदवार ने, बल्कि आंचलिक पंचायत सदस्य पद के कई उम्मीदवारों ने भी अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए हैं। मैदान में उतरते ही उन उम्मीदवारों को एहसास हो गया कि उनके पास कोई मौका नहीं है। भाजपा को मिले जनसमर्थन से निराश कांग्रेस उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए हैं। इस मामले को छुपाने के लिए कांग्रेस ने अब धमकाने का आरोप लगाकर ड्रामा करना शुरू कर दिया है।