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असम में पंचायत चुनाव के लिए 2 और 7 मई को मतदान हैं। मतदान पूर्व ही भाजपानीत एनडीए खेमे में ख़ुशी की लहर है। सैकड़ों सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि एनडीए ने 348 में से 325 सीटें बिना किसी मुकाबले के जीत ली हैं। असम में पंचायत सिस्टम तीन स्तर का होता है। इसके लिए 2 मई और 7 मई को वोट डाले जाने हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने बताया कि 17 अप्रैल नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी। उन्होंने X पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, एनडीए ने 37 जिला परिषद (35 भाजपा और 2 अगप) और 288 आंचलिक पंचायत (259 भाजपा और 29 अगप) सीटें निर्विरोध जीत ली हैं। उन्होंने एक चार्ट भी शेयर किया। चार्ट के अनुसार, 15 आंचलिक परिषद सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं। कांग्रेस ने 9 और एआईयूडीएफ ने 1 सीट जीती है।
डॉ. शर्मा ने कहा, ‘यह असम के राजनीतिक इतिहास में बहुत बड़ी जीत है। यह दिखाता है कि असम के लोगों को एनडीए और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कितना भरोसा है। डॉ. शर्मा आगे कहा, ‘उन्हें विश्वास है कि जब चुनाव के नतीजे आएंगे, तो यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा। एनडीए असम पंचायत चुनाव जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार है।’ राज्य चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि निर्विरोध जीती गई सीटों की पूरी जानकारी शनिवार को दी जाएगी।
पंचायत चुनावों के लिए वोटों की गिनती 11 मई को होगी। ग्राम पंचायतों में कुल 21,920 सीटें हैं। आंचलिक परिषदों में 2,192 सीटें और जिला परिषदों में 397 सीटें हैं। राज्य के 34 जिलों में से 27 में पंचायत चुनाव हो रहे हैं। बाकी 7 जिलों में स्वायत्त परिषदें हैं। इन चुनावों में 1.80 करोड़ लोग वोट डालने के लिए योग्य हैं। कछार जिले में भाजपा 2 जिला परिषद सदस्य और 34 आंचलिक पंचायत सदस्य निर्विरोध जीत चुकी है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो असम में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपने नेता चुनेंगे। लेकिन कुछ जगहों पर चुनाव होने से पहले ही नेता चुन लिए गए हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कोई और खड़ा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने बताया कि उनकी पार्टी और सहयोगी पार्टियों ने मिलकर ऐसी कई सीटें जीत ली हैं। उन्होंने इसे बहुत बड़ी जीत बताया है और कहा है कि लोगों को उन पर बहुत भरोसा है। अब देखना यह है कि बाकी सीटों पर चुनाव में क्या होता है। पीटीआई इनपुट