केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
वह दिन दूर नहीं जब हम असम के बराक घाटी से सुबह गुवाहाटी के लिए रवाना होंगे और पहुंचकर घंटे दो घंटे का काम पूरा कर देर शाम तक वापस घर भी पहुँच जाएंगे। यह सपना साकार होने की उम्मीद जाग गई है। चूंकि दिल्ली में नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक में अहम फैसले लिए गए।
शिलोंग – सिलचर कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। शिलोंग के मावलिंगखुंग से असम की बराक घाटी में स्थित पंचग्राम तक हाई-स्पीड कॉरिडोर एक्सप्रेस है। नरेंद्र मोदी सरकार ने असम और मेघालय के बीच नए हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कैबिनेट ने 22,864 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शिलोंग से सिलचर तक एक हाई-स्पीड कॉरिडोर राजमार्ग को मंजूरी दी है।
प्रस्तावित हाई-स्पीड गलियारा गुवाहाटी से सिलचर के बीच चलने वाले यातायात के लिए सेवा स्तर में सुधार करेगा। इसके विकास से त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र की मुख्य भूमि और गुवाहाटी से सड़क संपर्क में सुधार होगा और यात्रा की दूरी एवं यात्रा के समय में काफी कमी आएगी।
परियोजना की कुल लंबाई – 166.80 किमी
- मेघालय में – 144.80 किमी
- असम में – 22.00 किमी
परियोजना की कुल लागत –Rs. 22,864 करोड़
परियोजना का समन्वय इन प्रमुख परिवहन मार्गों से होगा:
NH-27, NH-106, NH-206, NH-37
इससे गुवाहाटी,शिलोंग, सिलचर, डिएंगपासोह, उम्मुलोंग, फ्रामेर, ख्लिएरिहाट, राताचेरा, उमकियांग, कलाइन जैसे शहरों और कस्बों से निर्बाध संपर्क सुनिश्चित होगा।
बुधवार को कैबिनेट की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की। यह नया हाईवे सिलचर को वाया मेघालय होकर गुवाहाटी से बहुत कम समय में जोड़ेगा। इसका निर्माण नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर के तहत किया जा रहा है। दावे किए जा रहे है यह बन जाने से पांच घंटे में गुवाहाटी पहुंच जाएंगे। निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा करने की संभावना है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह योजना न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी, जिससे उद्योगों का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना पूर्वोत्तर भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार के अनुसार इससे गुवाहाटी से सिलचर जाने वाले ट्रैफिक के लिए सेवा स्तर में सुधार होगा। त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स दक्षता में वृद्धि होगी।
मेघालय में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। पूर्वोत्तर के दर्शनीय स्थल आपस में जुड़ेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मोदी कैबिनेट के मंजूरी मुताबिक ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर (NH-6) के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिसकी कुल लंबाई 166.80 किलोमीटर होगी। यह मार्ग मेघालय में शिलोंग के पास मावलिंगखुंग से शुरू होकर असम की बराक घाटी में स्थित पंचग्राम तक जाएगा।
कैबिनेट के फैसले के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा “Advantage Assam 2 के बाद असम को बदलने के लिए भारी निवेश और बुनियादी ढांचे पर काम जारी है। 22,864 करोड़ रुपये के ग्रीनफील्ड गुवाहाटी सिलचर एक्सप्रेसवे को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट के प्रति मेरा आभार. इस परियोजना से गुवाहाटी और सिलचर के बीच यात्रा का समय 50 फीसदी से अधिक कम हो जाएगा और बराक घाटी से कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. यह एक्सप्रेसवे की श्रृंखला में पहला है जो असम को पार करेगा।
Yogesh Dubey