Thursday, June 19, 2025

असम को मेघालय से जोड़ने वाला हरंग नदी पर बना पुल ढहा, पत्थरों से ओवरलोड डंपर भी गिरे, आवागमन प्रभावित, एफआईआर दर्ज, पांच गिरफ्तार, बनाया जाएगा बेली ब्रिज

  • सेना से संपर्क किया गया है, एक अस्थाई बेली ब्रिज बनाया जाएगा
  • एफआईआर दर्ज की गई है और 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है

कछार जिले में सिलचर – कलाइन मार्ग बना एक पुल ढह गया। यह पुल हारंग नदी पर बना था। मरम्मत के बाद इसे पिछले महीने ही खोला गया था। पुल के ढहने से दो डंपर नदी में गिर गए।

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ट्रकों में तय सीमा से ज़्यादा सामान यानि पत्थर लदा था। इस घटना में डंपर चालक जख्मी। कछार जिला प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। दरअसल यह पुल सिलचर-कलाइन रोड पर बना था।

यह असम को मेघालय से जोड़ता है। पुल काफी पुराना था और इसकी हालही में मरम्मत की गई थी। मरम्मत के बाद इसे लगभग दो साल बाद खोला गया था। कछार जिले के आयुक्त मृदुल यादव ने कहा कि घटना की जांच की जाएगी। एफआईआर दर्ज की गई है और 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पुल पर सामान ले जाने की सीमा तय की गई थी। तय सीमा से ज़्यादा सामान ले जाने वाले वाहनों पर नज़र रखने के लिए चार जांच केंद्र बनाए गए थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नुमाल महत्ता ने बताया कि दोनों डंपर चालक हैं। उनका इलाज चल रहा है।

  • नाव के माध्यम से कर रहे लोग नदी पार 

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गलती कहां हुई? पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुल के टूटने से नदी के दोनों किनारों पर रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों को दिक्कत हो रही है। लोगों की मदद के लिए नावों का इंतजाम किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की मरम्मत में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। इसी वजह से पुल टूटा है।

विधायक कमलाख्य दे पुरकायस्था ने मुख्यमंत्री से आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कुछ खामियों की वजह से ही यह हुआ है। उचित जांच की मांग की। पुरकायस्थ ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस पुल के ढहने के बाद स्थानीय पब्लिक को होने वाली समस्या को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

जिला परिषद सदस्य फरीदा परवीन लस्कर ने इन आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि पुल की वजन सहने की क्षमता 40 टन थी। लेकिन ट्रक लगभग 70 से 80 टन पत्थर लेकर जा रहे थे। इसके चलते ही यह घटना हुई है। उन्होंने कहा कि सिंडिकेट राज कायम है। पुलिस की नाक के नीचे हर रोज पत्थरों से लदे ट्रक / डंपर इस पुल से गुजरते हैं। नतीजतन मंगलवार की रात करीब एक बजे पत्थरों से लदे दो डंपर के साथ पुल ढह गया। कछार जिले के आयुक्त ने घटनास्थल का दौरा किया।

पुल ढहने के बाद कछार जिला प्रशासन द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक मार्ग। 

आवश्यक कदम उठाने की बात कही। सेना से संपर्क किया गया है। एक अस्थाई वैली ब्रिज बनाने पर विचार चल रहा है। मीडिया को बताया कि किन कारणों से पुल टूटा है इसकी जांच की जाएगी। फिलहाल एक अस्थाई पुल के लिए सेना से बात की है। जब तक पुल नहीं बन जाता, तब तक के लिए छोटे वाहनों के लिए एक अलग वैकल्पिक मार्ग बताया गया है। हियारपार से वाया रोंघर सोनापुर होते हुए कलाइन के लिए गाड़ियां जा पाएंगी।

जबकि गुवाहाटी जाने वाले बड़े वाहनों को सिलचर – हॉफलोंग मार्ग उपयोग के लिए सलाह दी गई है बहरहाल हारंग नदी पर बने इस पुल टूटने से खाद्य संकट या महंगाई बढ़ने जैसे हालत हुए, तो इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाया जा रहा, इसके जवाब में डीसी ने कहा कि जिले में खाद्य संकट नहीं होने वाला। खाद्य भंडार में पर्याप्त स्टॉक है। ऐसे मौकों पर किसी ने कालाबाजारी करने का प्रयास किया, तो कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बदरपुरघाट पर स्थित गैमन पुल का मरम्मतीकरण चल रहा। जुलाई महीने में मरम्मतीकरण का काम संपन्न होगा। ऐसे में सिलचर – कलाइन वैकल्पिक मार्ग था। लेकिन इस मार्ग पर भांगरपार में हारंग पुल ढहने से स्थिति चिंताजनक है। जिला प्रशासन द्वारा एक अलग सुझाव गए वैकल्पिक मार्ग की स्थिति भी इतनी बेहतर नहीं है। स्थानीय लोगों के कथन अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बना हुआ मार्ग है, जो जर्जर अवस्था में है।

जिला आयुक्त मृदुल यादव, आईएएस ने वर्तमान स्थिति का आकलन करने और तत्काल बहाली उपायों, वैकल्पिक योजनाओं और समाधानों के समन्वय के लिए एक आकस्मिक बैठक की। विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। जिला प्रशासन जो अपडेट दिए है, निम्नलिखित है।
  • खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति: खाद्यान्न व्यापारी संघ ने पुष्टि की है कि जिले में खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक है।
  • मूल्य निगरानी: खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के अधिकारियों को बाजार की कीमतों पर सख्ती से निगरानी रखने और अनुचित मूल्य निर्धारण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
  • सार्वजनिक आश्वासन: जिला आयुक्त, कछार ने नागरिकों से घबराने की अपील नहीं की और आश्वासन दिया कि आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
  • वैकल्पिक मार्ग: वाहनों की आवाजाही के लिए दो वैकल्पिक मार्गों की पहचान की गई है।
 बहाली:
➥ भांगरपार ढहने वाली जगह पर एक बेली ब्रिज बनाया जाएगा।
➥ यात्रियों के लिए भांगरपार में मुफ्त नाव सेवा चालू की जाएगी। 
कानूनी और जवाबदेही:
➥ एफआईआर दर्ज की गई है और 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
➥ कारण की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।
  बैठक में निम्नलिखित लोग शामिल हुए: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नुमाल महत्ता, एपीएस, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध), पुलिस उपाधीक्षक, कछार; जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला पुलिस, लोक निर्माण विभाग, परिवहन; अंतर्देशीय जल परिवहन, एनएचआईडीसीएल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के अधिकारी। भारतीय चाय संघ, व्यापारी संघ, परिवहन संघ और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल थे।

योगेश दुबे

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