- एनएचएआई के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में कहा, “खराब मौसम के कारण काम वादे के अनुसार तेजी से आगे नहीं बढ़ सका
पूर्वोत्तर भारत में असम की बराक घाटी, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर ( दक्षिण असम से सटा हिस्सा ) और मेघालय की लाइफ लाइन राष्ट्रीय राजमार्ग ( एनएच 6 ) मरम्मतीकरण में मौसम खलनायक बना हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने यह दलील दी है।
मालूम हो कि मेघालय के जोवाई और राताचेरा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-6) के सुधार और सुदृढ़ीकरण कार्य के संबंध में पूर्णता रिपोर्ट दाखिल करने में विफल रहा है। प्राधिकरण ने 16 अप्रैल को मेघालय उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि दो महीने के भीतर कार्य पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने कहा कि “खराब मौसम के कारण काम वादे के अनुसार तेजी से आगे नहीं बढ़ सका।”
आलम यह है कि प्राधिकरण ने पूर्णता रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांगा। मुख्य न्यायाधीश इंद्र प्रसन्ना मुखर्जी और न्यायमूर्ति वनलुरा डिएंगदोह की खंडपीठ ने एनएचएआई को पूर्णता रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 अगस्त तक का समय दिया। इसके अलावा एमिकस क्यूरी सूरज पंथी को प्रगति का बारीकी से निरीक्षण करने और यदि आवश्यक हो तो उसी तिथि पर एक काउंटर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
इससे पहले, एनएचएआई की ओर से पेश वकील शौमेन सेनगुप्ता ने अपनी दलील में कहा कि पूर्वांचल बिल्डटेक ने 51 किलोमीटर (जोवाई से वहियाजेर) खंड पर 75 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है, जबकि वहियाजेर से राताचेरा तक 51.255 किलोमीटर का काम, जो धर कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा गया था, 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
ज्ञातव्य हो कि बुधवार को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, अदालत ने पाया कि जब मामले की पिछली सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्र प्रसन्ना मुखर्जी और न्यायमूर्ति वनलुरा डिएंगदोह की खंडपीठ द्वारा की गई थी, तब 51 किलोमीटर (जोवाई से वहीजर) के पहले सेक्टर में 67 प्रतिशत काम और 51.255 किलोमीटर (वहियाजर से राताचेरा) के दूसरे सेक्टर में 73 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था।
16 अप्रैल, 2025 को, पीठ ने प्रस्तुतिकरण पर ध्यान दिया था और पूर्णता रिपोर्ट की अपेक्षा करते हुए सुनवाई 18 जून तक स्थगित कर दी थी। बताते चले कि एनएच 6 पर उम्कियांग – राताचेरा खंड सबसे ज्यादा जर्जर अवस्था में है। बरसात के समय भूस्खलन का खतरा बना रहता है। पिछले दो महीने के भीतर सोनापुर सुरंग के पास कई मर्तबा भूस्खलन हुआ है।
एनएच 6 मेघालय और असम के गुवाहाटी से जोड़ता है। सनद हो कि हैवी गुड्स व्हीकल, यात्री बसें, सूमो का संचालन होता है। फिलहाल इधर बराक घाटी में स्थिति चिंताजनक है। एक ओर जहां गैमन ब्रिज का मरम्मतीकरण काम जारी है, इस वजह से इस पुल से वाहनों का संचालन बंद है, तो वहीं दूसरी तरफ सिलचर – कलाइन मार्ग पर भांगरपार में हारंग पुल ढहने से स्थिति ख़राब है। गैमन ब्रिज बंद होने से सिलचर – कलाइन मार्ग वैकल्पिक सड़क के रूप उपयोग हो रहा था। चूंकि उक्त मार्ग एनएच 6 से जुड़ता है।
योगेश दुबे